ये रेत पर निशां है मिट ही जायेंगे मगर मुझे मेरे गीतों में तुम याद रख, ये रेत पर निशां है मिट ही जायेंगे मगर मुझे मेरे गीतों में तुम याद रख,
जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है। जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है।
प्रेम मुदित मन करता स्वागत, प्रिय बसंत ऋतु आयी। प्रेम मुदित मन करता स्वागत, प्रिय बसंत ऋतु आयी।
भँवरे भी है खूब गुन-गुना रहे भँवरे भी है खूब गुन-गुना रहे
आशाओं के फूल मुस्कुरा कर खुश्बू देते दोस्तों पर। आशाओं के फूल मुस्कुरा कर खुश्बू देते दोस्तों पर।
वासंती छटा चहुँ ओर है छाई देखो, देखो, ऋतु बसंत है आई.... वासंती छटा चहुँ ओर है छाई देखो, देखो, ऋतु बसंत है आई....